उस शाम को याद करता हूं,
तो दिल मुस्कुराता है ….
उस वक़्त को महसूस करता हुं,
तो दिल खूश हो जाता है ….
मदहोशी का था वो समा
साथ थी मेरे वो अपसरा ….
उस लम्हे को दिल मे बसा लिया मैने,
कह रहा था दिल: थाम ले इस पल को….
उस शाम वो मुस्कुराहट से हुआ मै रुबरू,
पलके झुकाके, पास मेरे बैठी वो माहेरू….
उसका हाथ जो थामा मैने,
फ़िज़ाओ क रुख बदल सा गया ….
उस हसीन पल को याद करता हूं,
तो दिल मुस्कुराता है ….
उसके एहसास का तसव्वुर करता हुं,
तो दिल खूश हो जाता है ….
आज खूश हुं मै, उसका साथ जो है,
एहसास है जन्नत का, वो पास जो है….
उस शाम को याद करता हूं,
तो दिल मुस्कुराता है ….